पारद शिवलिंग का अभिषेक - An Overview

 इसकी पूजा से कुंडली में मौजूद सभी तरह के गृह दोष समाप्त हो जाते हैं।

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नवग्रहों से जो अनिष्ट प्रभाव का भय होता है, उससे मुक्ति भी पारद शिवलिंग से प्राप्त होती है।

शिवलिंग को महादेव का निराकार स्वरूप माना जाता है. शिवलिंग ऊर्जा का भंडार है. इसलिए इसकी पूजा के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं.

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पारा धातू पासून पारद शिवलिंग तयार केले जाते. हा एक द्रव पदार्थ आहे आणि त्यात तांबे ,कांसे, आणि इतर जडीबुटी मिसळून ह्या शिवलिंगाला आकार दिला जातो. तांबे हे पार्वतीचे रूप मानले जाते.

जर घरात शिवलिंग ठेवायचे असेल तर सर्वात उत्तम शिवलिंग हे पारद शिवलिंग मानले गेले आहे ह्यावर प्रकाश पाडू.

पूजा के दौरान कुबेर देव को धूप-दीप दिखाते हुए “ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:” मंत्र का जाप करें।

पारद शिवलिंग को घर में रखना चाहिए या नहीं

उपरोक्त विधि को करने के पश्चात आप बुधवार को अथवा अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र more info में इसे स्थापित करें।

पारद शिवलिंग के स्पर्श करने मात्र से सकारात्मक ऊर्जा का शरीर में प्रवेश होता है और पुण्यफल की प्राप्ति होती है। शिवपुराण में बताया गया है कि अन्य शिवलिंगों के अपेक्षा पारद शिवलिंग की पूजा करने से हजार गुना फल मिलता है। बताया जाता है कि पारद की उत्पत्ति भगवान शिव के अंश से हुई थी और घर में इसको रखने पर भगवान शिव, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता का स्थायी वास होता है।

आपको बता दें कि इस शिवलिंग की पूजा करने से ना केवल माता पार्वती और शिव जी का आशीर्वाद नहीं मिलता बल्कि ग्रह दोष और पाप का भी अंत होता हैं।

ज्या घरात पारद शिवलिंग असेल तेथे कोणताही वास्तू दोष जास्त निगेटिव्ह फळे देत नाही.

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